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कक्षा -9 (गणित) अध्याय - 1 संख्या पद्धति का सारांश

शीर्षक (Title):


कक्षा 9 गणित अध्याय 1 – संख्या पद्धति | सरल हिंदी में संपूर्ण सारांश



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परिचय:


कक्षा 9 गणित का पहला अध्याय है “संख्या पद्धति”, जो हमें वास्तविक संख्याओं (Real Numbers) की जानकारी देता है। इस अध्याय में हम विभिन्न प्रकार की संख्याओं के बारे में पढ़ते हैं, जैसे कि प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्ण संख्याएँ, परिमेय व अपरिमेय संख्याएँ, और उनका उपयोग।



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मुख्य बिंदु:


1. प्राकृतिक संख्याएँ (Natural Numbers):


1, 2, 3, 4, 5,...


इन्हें N से दर्शाया जाता है।



2. पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers):


0 और सभी प्राकृतिक संख्याएँ।


0, 1, 2, 3,...


इन्हें W से दर्शाते हैं।



3. पूर्णांक (Integers):


… -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3,…


इन्हें Z से दर्शाते हैं।



4. परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers):


वे संख्याएँ जो p/q के रूप में लिखी जा सकती हैं, जहाँ q ≠ 0।


उदाहरण: 1/2, 3/4, -5/7



5. अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers):


ऐसी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता।


दशमलव रूप में कभी समाप्त नहीं होती और न ही दोहराती हैं।


उदाहरण: √2, √3, π



6. वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers):


परिमेय और अपरिमेय दोनों मिलकर वास्तविक संख्याएँ बनाते हैं।


इन्हें R से दर्शाया जाता है।




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महत्वपूर्ण विषयवस्तु:


● संख्याओं की दशमलव अभिव्यक्ति


परिमेय संख्याएँ: समाप्त होने वाली (terminating) या आवर्ती दशमलव (recurring decimal)।


अपरिमेय संख्याएँ: न समाप्त होने वाली और न दोहराने वाली दशमलव।



● वास्तविक संख्याओं की रेखीय निरूपण (Representation on Number Line)


√2 को संख्या रेखा पर दर्शाना सीखना।



● परिमेय और अपरिमेय संख्याओं के योग, गुणा, आदि।


● संख्याओं का वर्गमूल (Square Root)


जैसे: √4 = 2, लेकिन √5 को सटीक रूप में नहीं लिखा जा सकता (यह अपरिमेय है)।




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महत्वपूर्ण प्रश्न (Practice Questions):


1. क्या 0 एक परिमेय संख्या है? उत्तर क्यों?



2. √2 + √3 क्या एक परिमेय संख्या है?



3. 1.272727... क्या परिमेय संख्या है?



4. संख्या रेखा पर √3 को कैसे दर्शाएंगे?


अध्याय 1 संख्या पद्धति की pdf डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें 





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निष्कर्ष:


संख्या पद्धति अध्याय गणित की नींव है। यह अध्याय हमें यह समझने में मदद करता है कि विभिन्न प्रकार की संख्याएँ कैसे एक-दूसरे से भिन्न होती हैं और कैसे उपयोग की जाती हैं।






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